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दोस्ती की मिसाल (राम और श्याम की कहानी)

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 दोस्ती की मिसाल (राम और श्याम की कहानी)


एक गांव में राम और श्याम नामक दो मित्र रहते थे। वे दोनों बचपन से ही अच्छे दोस्त थे और हमेशा एक-दूसरे के साथ खेलते, पढ़ाई करते और दिल की बातें शेयर करते थे। उनकी दोस्ती गांव के लोगों के बीच भी बड़ी मशहूर थी।

एक दिन, राम के पास अपने जन्मदिन पर कुछ पैसे बचे हुए थे। वह सोचने लगा कि इन पैसों का उपयोग कैसे करे। उसके मन में कई विचार आने लगे।

एक दिन, जब राम और श्याम स्कूल से वापस आ रहे थे, रास्ते में एक गरीब बच्चा देखा। वह दिन-रात भूखा था और उसके पास कुछ खाने को भी नहीं था। उसकी दुखी आँखों ने राम के दिल को छू लिया।

राम को अपने पैसे का उपयोग समझ में आ गया। वह तुरंत अपने बचे हुए पैसों को निकालकर उस बच्चे को देने का फैसला किया। उसके दोस्त श्याम ने भी उसके पीछे खड़े होकर उस गरीब बच्चे को थोड़ा सा पैसा दिया।

उस छोटे से पैसे के साथ, राम और श्याम ने उस बच्चे की आँखों में एक मुस्कान देखी। उस बच्चे ने उन्हें धन्यवाद कहकर गले लगा लिया। उस दिन से, राम और श्याम के दिल में एक अलग सा ख़ुशी का एहसास हुआ। उन्होंने समझ लिया कि सच्ची दोस्ती और अच्छाई से कुछ बड़ा नहीं हो सकता।

वे अब हर मौके पर दूसरों की मदद करते और दान-दया का प्रचार प्रसार करते। उन्होंने सिखा दिया कि खुद को खुश रखने के लिए बस दूसरों की मदद करना ही काफी है।

सिख: “सच्चे मित्री भगवान जैसे होते हैं, जो दूसरों के दुखों को हल्का कर देते हैं।”

इस कहानी का संदेश है कि सच्ची मित्रता और दयालुता का महत्व हमेशा सर्वोपरि रहता है। अपने दोस्तों के साथ ख़ुशियाँ बाँटने से वे और भी गहरी होती हैं।


मुझे आशा है कि यह कहानी आपको पसंद आई होगी। 

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